10 Bedtime Stories For Kids In Hindi

10 Bedtime Stories For Kids In Hindi

10 Bedtime Stories For Kids In Hindi

1  शेर और मूसा:

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक शेर और एक मूसा रहते थे। शेर बहुत ही बड़ा और शक्तिशाली था, वह जंगल का राजा माना जाता था। मूसा छोटा और कमजोर था, लेकिन उसकी चालाकी में कोई कमी नहीं थी।
एक दिन, जब शेर अपनी शक्तियों पर गर्व कर रहा था, मूसा ने एक योजना बनाया। मूसा जानता था कि उसकी ताक़त नहीं है, लेकिन वह अपनी चालाकी का उपयोग कर सकता है।
मूसा ने एक दिन शेर के पास जाकर कहा, "महाराज, मैंने सुना है कि आपकी ताक़त बहुत बड़ी है, लेकिन आप उस पहाड़ पर भी नहीं पहुँच सकते जो दिखाई नहीं देता।"
शेर अचानक गर्मी में बहुत परेशान हो उठा और उसने मूसे से पूछा, "कौनसा पहाड़?"
मूसा ने उस पहाड़ का दिशा बताया और शेर को भागते हुए वहाँ भाग देखने के लिए भेज दिया।
जब शेर वहाँ पहुँचा, तो वह खुशी खुशी बाग गया, लेकिन वह पहाड़ वास्तविकता में था ही नहीं।
मूसा ने उस समय शेर के राज्य में गद्दे को उखाड़ दिया और जंगल में विचलितता मच गई। मूसा की चालाकी ने उसे शेर के सामने बेबाक बना दिया।

2 चालाक खरगोश और सियार:

एक बार की बात है, एक खरगोश और एक सियार जंगल में रहते थे। खरगोश बहुत ही तेज़ था और सियार बहुत ही मांग करता था।
खरगोश अपनी तेज़ दौड़ के कारण सियार से हमेशा पहले पहुँच जाता था और उसका खाना खा जाता था। सियार इसके बारे में परेशान था और उसने सोचा कि कैसे वह खरगोश से बच सकता है।
एक दिन, सियार ने एक योजना बनाया। वह खरगोश से मिलकर बोला, "भैया, हम दोनों मिलकर बहुत आगे बढ़ सकते हैं।"
खरगोश ने सियार की बात मान ली और उसके साथ चलने को तैयार हो गया। जब वे एक कुंडी तक पहुँचे, सियार ने एक झटका मारकर खरगोश को कुंडी में गिरा दिया।
खरगोश बहुत जोर से चिल्लाया, लेकिन सियार वहीं से भाग गया और उसने खरगोश का खाना खा लिया।
इसके बाद सियार ने सोचा, "अब मैं तो खरगोश की तरह तेज़ दौड़ सकता हूँ।"
मगर उसकी नयी तेज़ी से वह एक पेड़ से टकरा गया और गिर गया। खरगोश ने उसे देखकर मजाक किया, "देखो, तेज़ दौड़ने से पहले आपको तो देखना चाहिए कि सामने क्या है।"
सियार ने अपनी चालाकी की कीमत चुकता की और वह समझ गया कि तेज़ी से आगे बढ़ने से पहले सोचना बेहद महत्वपूर्ण है।

3 सोने की चिड़ीया:

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बहुत ही सुंदर चिड़ीया रहती थी। वह चिड़ीया सोने की पांची थी, जिसके पंख सोने से ढके हुए थे। उसकी खूबसूरती को देखकर सभी जंगल के पशु और पक्षी आश्चर्यचकित रहते थे।
एक दिन, उस जंगल में एक बुजुर्ग चिड़ीया आई और उसके साथ बात करने लगी। बुजुर्ग चिड़ीया ने सोने की चिड़ीया से कहा, "मेरी प्यारी, तुम सोने के पंखों से ढकी हुई हो, लेकिन ध्यान देना कि तुम्हारे पास वास्तविक बदलाव नहीं हो सकता। तुम सोने के पंखों से ढकी हुई हो, लेकिन तुम्हारे अंदर की असली चमक और खूबसूरती तुम्हारे सोने के पंखों से नहीं आ सकती।"
सोने की चिड़ीया ने उस बुजुर्ग चिड़ीया की बातों को गहराई से समझा और उसने समझ लिया कि असली खूबसूरती उसके अंदर की आत्मा में है, न कि उसके पंखों में।

4 बंदर और मगरमच्छ:

एक बार की बात है, एक जंगल में एक बंदर और एक मगरमच्छ रहते थे। दोनों ही बहुत ही खिलखिलाते और मस्तमौला प्रकृति के अनुसार जीने वाले प्राणी थे।
एक दिन, जब गरमियों की ज़बरदस्त लू चल रही थी, बंदर और मगरमच्छ ने एक झील में खुदाई करने का आलंब दिया। मगरमच्छ ने बंदर से कहा, "बंदर भैया, यह खुदाई हमारे लिए बहुत मुश्किल है। मुझे लगता है हमें किसी स्थान पर रेंगते हुए बर्तन तक पहुँचने में सबसे ज्यादा सहायता करेगा।"
बंदर ने मगरमच्छ की सलाह मानी और एक बर्तन पकड़कर उसे खुदाई में लग जाने की कोशिश की। लेकिन बंदर की स्थिति बिलकुल वैसी नहीं थी जैसी उसने सोची थी। उसके पैर नहीं रेंगते थे और उसे खुदाई में कोई सहायता नहीं मिली।
इसके बाद, मगरमच्छ ने सोचा कि बर्तन बदलने की आवश्यकता है और उसने खुद बंदर की मदद की। उन्होंने मिलकर दोनों एक बड़े बर्तन को खुदाई में लगाने में सहायता की और उन्होंने बर्तन बदलकर सफलतापूर्वक खुदाई की।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सहायता एक दूसरे की समझ और मदद के बिना संभव नहीं होती।

5 बिल्कुल आलसी भालू:

एक बार की बात है, एक जंगल में एक भालू रहता था जिसे किसी भी काम में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह बिल्कुल आलसी था और सिर्फ सोने में अपना समय गवाता रहता था।
उसके दोस्त और अन्य जानवर बार-बार उसको समझाते थे कि आलस्यपन से कुछ नहीं होगा, लेकिन भालू उनकी बातों को ध्यान में नहीं लेता था।
एक दिन, भालू के पास बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उसका सोना एक बड़े पत्थर के नीचे गिर गया और अब उसे सोने में पहुँचने के लिए पत्थर को हटाना था।
भालू को अब आलस्यपन की वजह से बड़ी परेशानी हो रही थी। उसने समझा कि उसकी आलस्यपन की वजह से उसे अब बहुत परेशानी में डाल दी गई है। उसने खुद को समझाया कि समय पर काम करने में ही सफलता है और उसने अपनी आलस्यपन को दूर कर दिया।
भालू ने खुद को मेहनती बनाया और पत्थर को हटाने में काम करते हुए अपना सोना वापस प्राप्त किया। इसके बाद से वह आलस्यपन की बजाय मेहनत में विश्वास करने लगा।

6 लालची कुत्ता:

एक गाँव में एक बड़ा और लालची कुत्ता रहता था। उसका एक बड़ा ही गोलू अच्छा दोस्त था, जो हमेशा उसके साथ खेलने आया करता था। गोलू बहुत ही अच्छा दिल रखता था और वह कभी लालची नहीं था।
लालची कुत्ता हमेशा खाने की चीज़ों की तलाश में रहता था और वह कभी भी खुश नहीं था। उसका एक दिन दिल उसे यह बताने लगा कि वह कितना लालची हो गया है और उसका दोस्त गोलू अब उसके साथ खेलने नहीं आता।
लालची कुत्ता ने समझाने की कोशिश की, पर गोलू ने उसकी बातों को नहीं माना और उसे अपने साथ खेलने नहीं आया। लालची कुत्ता ने इसके बाद समझा कि लालच की वजह से उसने एक सच्चे और अच्छे दोस्त को खो दिया है।
उसने अपनी लालची आदतों को छोड़कर सच्चे और विश्वासी दोस्ती का मान बढ़ाने का प्रयास किया। उसने गोलू के साथ एक बार फिर से दोस्ती की और उसका दोस्त गोलू बिल्कुल खुश हो गया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि लालच और दोस्ती में से दोस्ती का महत्व हमेशा अधिक होता है।

7 मेंढ़क और बंदर:

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक मेंढ़क और एक बंदर रहते थे। मेंढ़क बहुत ही सख्त और समझदार था, वह हमेशा अपने काम में लगा रहता था। वह बंदर से बहुत अच्छे संबंध बनाता था और उसकी सलाह को मानता था।
बंदर बहुत ही नकली और चालाक था, वह अकेले में हमेशा धोखाधड़ी करता था और दूसरों की मुश्किलों का फायदा उठाने में लगा रहता था। एक दिन, बंदर को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा, जिसका समाधान उसे नहीं मिल रहा था।
बंदर ने मेंढ़क से सलाह मांगी और मेंढ़क ने उसे सही राह दिखाई। उसने बताया कि किसी भी समस्या का समाधान चालाकी से नहीं, बल्कि सही तरीके से काम करके मिलता है। बंदर ने मेंढ़क की सलाह मानी और उसके साथ मिलकर समस्या का समाधान निकाला। इसके बाद से बंदर ने सीख लिया कि चालाकी से नहीं, सही तरीके से काम करने से समस्याओं का समाधान होता है।

8 चालाक बिल्ली:

एक बार की बात है, एक गाँव में एक बिल्ली रहती थी, जिसका नाम मिट्टू था। मिट्टू बहुत ही चालाक और धूर्त था। वह हमेशा दूसरों के सामने अच्छा बनने की कोशिश करता था, लेकिन असल में वह बहुत ही खतरनाक था।
एक दिन, मिट्टू ने देखा कि एक खरगोश अपने घर में खुशी-खुशी बैठा हुआ है। मिट्टू ने खरगोश के पास जाकर पूछा, "आप इतने खुश क्यों हैं?"
खरगोश ने कहा, "मैंने सुना है कि आज शेर गाँव आ रहा है, लेकिन मैं निश्चिंत हूँ क्योंकि मैंने एक छिपकली से सुना है कि शेर को बिल्लियों से डर लगता है।"
मिट्टू का मन मचाव में आ गया और उसने एक योजना बनाया। वह खुद को बिल्ली बनाने के लिए काम करने लगा, जैसे कि वह खुद को दिखाता था कि वह बिल्ली है।
शेर आखिरकार आया और मिट्टू को देखकर हैरान हो गया। मिट्टू ने अपने चालाकी से शेर को धोखा दिया और उसे भाग जाने के लिए मजबूर किया।
इसके बाद से खरगोश ने मिट्टू को सच्चाई बताई और मिट्टू ने अपनी चालाकी को छोड़कर अच्छाई की ओर बढ़ने का निर्णय लिया।

9 परी की कहानी:

बहुत पुरानी बात है, एक गाँव में एक परी रहती थी, जिसका नाम आकांक्षा था। वह परी सुंदर, दयालु और सहानुभूति से भरपूर थी। वह गाँव के लोगों की मदद करने में हमेशा तत्पर रहती थी।
एक दिन, गाँव के एक बच्चे ने आकांक्षा से पूछा, "परी दीदी, क्या आप मुझे तारों की कहानी सुना सकती हो?"
आकांक्षा ने बच्चे के लिए एक खास कहानी सुनाई, जिसमें तारे उसके सपनों की ओर इशारा करते हैं और उसे यह सिखाते हैं कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। बच्चे ने उसे धन्यवाद दिया और उसने वादा किया कि वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करेगा।

10 सिंदरेला:

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक सुंदर सी लड़की रहती थी, जिसका नाम सिंदरेला था। वह बहुत ही नम्र और सच्ची लड़की थी, लेकिन उसकी सौतेली माँ और बहन उसके साथ बहुत बुरा व्यवहार करती थीं।
एक दिन, गाँव में राजा की ओर से एक बड़ा महल में महान यात्रा आयोजित की गई थी, जिसमें सिंदरेला भी जाना चाहती थी, पर उसकी सौतेली माँ और बहन उसे जाने नहीं देने वाली थीं।
लेकिन फिर भी, सिंदरेला ने अपने सपनों की पुरी करने के लिए मेहनत की और एक परी की मदद से महल में पहुँची। वहां उसके पैर की जूते जोड़ रखी गई थी और सभी लोग उसे देखकर हैरान हो गए कि वह कैसे इतनी सुंदर दिख रही है।
राजा के पुत्र ने सिंदरेला से नाचने के लिए कहा और उसे देखकर उसका दिल खुशी से भर गया। उस दिन सिंदरेला ने अपने सपनों को पूरा किया और सबको यह सिखाया कि मेहनत और सच्ची निष्ठा से सपने पूरे हो सकते हैं।

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